नई दिल्ली, 15 जनवरी 2025 – (Big update PMAY-G) ग्रामीण भारत को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की थी, जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) के नाम से जाना जाता है।

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इस योजना का उद्देश्य “सबके लिए घर” के लक्ष्य को हासिल करना है। 1 अप्रैल 2016 को शुरू हुई इस योजना के तहत वर्ष 2029 तक 4.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
Big update PMAY-G 2025-2029
यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और बेघर परिवारों के लिए पक्के और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
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2024-25 से 2028-29 तक इसके नए चरण के तहत 2 करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस उद्देश्य के लिए केंद्र सरकार ने 3,06,137 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया है।
योजना की अब तक की प्रगति और उपलब्धियां
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के तहत अब तक कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज की गई हैं:
- 3.33 करोड़ घरों का लक्ष्य निर्धारित किया गया, जिनमें से 3.23 करोड़ घरों को मंजूरी मिल चुकी है।
- 2.69 करोड़ घरों का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है।
- योजना की शुरुआत से अब तक लाभार्थियों को 2.37 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार का प्रयास न केवल बड़े पैमाने पर घरों के निर्माण तक सीमित है, बल्कि इन घरों को समयबद्ध तरीके से पूरा कर लाभार्थियों तक पहुंचाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के नए चरण में क्या है खास?
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के नए चरण में वर्ष 2024-2029 के बीच 2 करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वित्तीय प्रावधान के अलावा निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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- संपूर्ण कवरेज: यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी बेघर और कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को योजना का लाभ मिले।
- जल्दी और पारदर्शी आवंटन: लाभार्थियों के चयन और धन आवंटन की प्रक्रिया को तेजी और पारदर्शिता से पूरा किया जाएगा।
- सतत विकास: घरों के निर्माण में पर्यावरण-अनुकूल सामग्री और तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
- स्मार्ट मॉनिटरिंग: डिजिटल माध्यमों से प्रगति की निगरानी और लाभार्थियों की प्रतिक्रिया लेने की व्यवस्था की जाएगी।
Objective and impact of the Pradhan Mantri Awaas Yojana Gramin scheme
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण का मुख्य उद्देश्य देश के हर ग्रामीण परिवार को सुरक्षित, टिकाऊ, और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है। इसके साथ ही, यह योजना कई अन्य सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों को भी पूरा करती है।
- रोजगार का सृजन: निर्माण कार्य के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
- जीवन स्तर में सुधार: पक्के घरों से लोगों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार होता है।
- स्वास्थ्य और सुरक्षा: पक्के और स्वच्छ आवास लोगों को प्राकृतिक आपदाओं, गंदगी, और बीमारियों से बचाते हैं।
- सामाजिक समावेशन: योजना के तहत लाभार्थियों का चयन करते समय आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
Implementation and challenges of the PMAY-G scheme
इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया है।
- फंड आवंटन: केंद्र सरकार योजना के लिए 60% धनराशि उपलब्ध कराती है, जबकि शेष 40% राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाता है।
- जमीनी स्तर पर निगरानी: ग्राम पंचायतों और ब्लॉक अधिकारियों को इस योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है।
- हालांकि, इतनी बड़ी योजना को लागू करना आसान नहीं है। इसके सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियां हैं।
- दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में निर्माण कार्य में देरी।
- सामाजिक-आर्थिक भेदभाव के कारण कुछ क्षेत्रों में लाभार्थियों तक योजना का लाभ पहुंचाने में कठिनाई।
- निर्माण सामग्री और श्रम लागत में बढ़ोतरी के कारण वित्तीय दबाव।
- इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार लगातार नई तकनीकों और रणनीतियों का उपयोग कर रही है।
How are beneficiaries selected in PMAY-G scheme?
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण में लाभार्थियों का चयन एक पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से होता है।
- सोशियो-इकॉनमिक कास्ट सेंसस (SECC) 2011: इस डेटा का उपयोग कर जरूरतमंद परिवारों की पहचान की जाती है।
- ग्राम सभाओं का सत्यापन: चयनित लाभार्थियों की सूची का सत्यापन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है।
- डिजिटल प्रक्रिया: योजना की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होती हैं, जिससे गड़बड़ी की संभावना कम होती है।
केंद्र सरकार की भविष्य की योजनाएं और अपेक्षाएं
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण का लक्ष्य केवल घरों का निर्माण करना नहीं है, बल्कि भारत के ग्रामीण समुदायों को सशक्त, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है।
2029 तक “सबके लिए घर” का सपना साकार करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट और टिकाऊ आवास निर्माण पर भी जोर दिया जाएगा।
सरकार की योजना इस कार्यक्रम को अन्य योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन और उज्ज्वला योजना से जोड़ने की है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक है। यह योजना न केवल बेघरों को घर देती है, बल्कि उन्हें सम्मान और आत्मनिर्भरता का एहसास भी कराती है। 2029 तक 4.95 करोड़ घरों का लक्ष्य भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
सरकार की प्रतिबद्धता और जनता का सहयोग इस योजना को न केवल सफल बनाएगा, बल्कि एक नए भारत के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएगा।